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आण्विक हाईड्रोजनके अंतःश्रृसन का बड़ा महत्त्व पोर्टेबल इनहेलर है बेहतर सेहत का उपाय
आण्विक हाईड्रोजनके अंतःश्रृसन का बड़ा महत्त्व पोर्टेबल इनहेलर है बेहतर सेहत का उपाय

मुंबई
स्वास्थ्य के प्रति गंभीर लोगों में पर्सनल वेलनेस को लेकर सजगता जैसे-जैसे पहले से बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही समग्र स्वास्थ्य व व्यक्ति के कुशल-मंगल का महत्त्व भी बढ़ रहा है।
फलते-फूलते वेलनेस उद्योग में फिलहाल एक मेडिकल गैस के तौर पर आण्विक हाइड्रोजन काफ़ी चहेता विषय बना हुआ है और इसीलिए वेलनेस के एक निवारक साधन के तौर पर उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आण्विक हाइड्रोजन बहुत ही कम मात्रा में हवा में पाया जाता है (0.00005%) जो कि मनुष्यों के लिए अनुपलब्ध रूप में रहता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि आण्विक हाइड्रोजन (H2, डाइहाइड्रोजन, या हाइड्रोजन गैस) एक थेराप्यूटिक और निवारक ऐंटीऑक्सिडेंट का काम करती है जिसके लिए चयनात्मक तौर पर सेलों के अत्यधिक तेज़ ऑक्सिडेंट-मुक्त रैडिकल्स को रिड्यूस किया जाता है और जिनमें सेलों को साइटोटॉक्सिक ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस-संबंधी नुकसान से बचाने की क्षमता होती है। वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि H2 गैस को 1-4% की सीमा में सांस के अंदर लेने से मानव शरीर की काम करने की क्षमता अत्यधिक बढ़ जाती है, और H2 की सांद्रता 4% से भी कम होने पर आग लगने या धमाके का कोई जोखिम नहीं रहता है।
इसी परिप्रेक्ष्य में, मुंबई स्थित सिरीन एनवायरोटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को देश का पहला पोर्टेबल आण्विक हाइड्रोजन इनहेलर, udazH, लाने के लिए काफ़ी वाहवाही मिल रही है। जिस तरह से लोग निवारक और थेराप्यूटिक हेल्थकेयर को देखते हैं उसी से समझ में आ जाता है कि इसे बदलने के लिए udazH पूरी तरह से तैयार है। देशभर में उपभोक्ताओं के निजी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया यह अगली पीढ़ी का पर्सनल वेलनेस टूल उच्चस्तरीय सुविधाओं सहित डिज़ाइन किया गया है क्योंकि इसमें है विशेष ड्यूअल यूज़ टेक्नोलॉजी जहां दो लोग एकसाथ एक ही समय पर अन्तःश्वसन कर सकते हैं।
डॉक्टर शिएगो ओहटा, निप्पॉन मेडिकल स्कूल, जापान द्वारा ‘नेचर’ (2007) में इस वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशन के बाद से ही, कि आण्विक हाइड्रोजन में कुछ चुनिंदा ऐंटीऑक्सिडेंट गुण हैं, कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि H2 के असर, 170 विविध मानवीय रोगों के प्रतिरूपों से अधिक कारगर हैं। हाल के समय में हुए गहन शोध ने यह इंगित किया है कि अपेक्षाकृत एक छोटा, हल्का अणु होने के साथ-साथ अपनी बेहतरीन जैव-उपलब्धता के गुण सहित हाइड्रोजन अणु (H2) इकलौता ऐसा अणु है जो शरीर के उप-कोशिकीय गुण को भेदकर एक शक्तिशाली चुनिंदा ऐंटीऑक्सिडेंट की तरह कार्य कर सकता है। नियंत्रित मात्रा में हाइड्रोजन गैस का तीव्र डिफ्यूजन दर के साथ उपयोग करने पर यह ऊतकों, कोशिकाओं की झिल्ली को भेदकर आसानी से रक्त-मस्तिष्क की बाधा को पार करके उप-कोशिकीय स्तर पर लाभ प्रदान करती है जहां पहुँचने पाने में अन्य प्रिस्क्राइब किए जानेवाले ऐंटीऑक्सिडेंट नाकाम रहते हैं।
सिरीन एनवायरोटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, डॉ. बाबू सुधाकर के अनुसार, “अत्यधिक मुक्त रैडिकल्स के चलते हमारे माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सिडेटिव तनाव बढ़ता है जिससे हमारे DNA और हमारे शरीर के बुनियादी प्रोटीन को आण्विक स्तर पर अत्यधिक नुकसान पहुँच सकता है। हालांकि यह वह पहला पदार्थ है नहीं है जो हमारे दिमाग में तब सबसे पहले आता है जब हममें से अधिकतर लोग ‘ऐंटीऑक्सिडेंट्स’ के बारे में सोचते हैं, फिर भी आण्विक हाइड्रोजन इस समय मौजूद सबसे शक्तिशाली ऐंटीऑक्सिडेंट्स में से एक है। वरियता के आधार पर H2 मुक्त रैडिकल्स को न्यूट्रलाइज़ करता है, ऑक्सिडेटिव तनाव को कम करता है, हमारी शरीर के आंतरिक ऐंटीऑक्सिडेंट उत्पादन और ऐंटी-इनफ़्लेमेटरी साइटोकाइन्स में वृद्धि करता है। एक महीने के सुझाए गए अंतःश्वसन के बाद आप खुद बेहतर स्किन टोन, फेफड़ों के बेहतर तरह से काम करने, बेहतर तरीके से नींद आने, और अपने शरीर में यौवन का बेहतर संचार देख सकते हैं।“
मुक्त रैडिकल्स अस्थिर प्रकार के परमाणु होते हैं जो हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका में स्थित माइटोकॉन्ड्रिया (छोटे-छोटे ऊर्जा संयंत्र) में बनते हैं। हमारे खाए हुए भोजन को जब हमारे द्वारा ली जानेवाली सांस के ऑक्सिजन से कंबशन द्वारा माइटोकॉन्ड्रिया तोड़ता है तब सह-उत्पादों के तौर पर मुक्त रैडिकल उत्पन्न होते हैं। निम्न या सामान्य स्तरों पर मुक्त रैडिकल हमारी कोशिकीय प्रतिक्रियाओं व इम्यून प्रक्रिया पर लाभदायक भौतिक प्रभाव डालते हैं। अत्यधिक मात्रा में बनने पर मुक्त रैडिकल एक पैथोलॉजिकल प्रक्रिया को जन्म देते हैं जिसे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कहते हैं, जो कि एक ऐसी डिलीटिरस प्रक्रिया है जो कोशिकीय झिल्लियों और अन्य बुनियादी संरचनाओं, जैसे कि प्रोटीन, लिपिड, लिपोप्रोटीन, और डीऑक्सिराइबोन्यूक्लीइक ऐसिड (DNA) में गंभीर रूप से बदलाव कर सकती है।
उत्पन्न विभिन्न मुक्त रैडिकल्स में से हाइड्रॉक्साइल रैडिकल सबसे अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि वे आपकी कोशिकाओं के भीतर काफ़ी नुकसान पहुंचा सकते हैं जिससे गंभीर बीमारी और बुढ़ापा हो सकता है। आलस-भरी जीवनशैली और प्रदूषित माहौल में, जिसमें हम रहते हैं, इसका सीधा असर कोशिकाओं के भीतर मुक्त रैडिकल के अत्यधिक उत्पादन पर पड़ता है। मुक्त रैडिकल को नियंत्रण में रखना एक स्वस्थ, गुणवत्तापूर्ण जीवन, और लंबे जीवन की कुंजी है। मुक्त रैडिकल्स और ऐंटीऑक्सिडेंट्स के बीच असंतुलन होने से कोशिकीय ऑक्सिडेटिव तनाव उत्पन्न होता है जिससे श्वसन-संबंधी, आर्थ्राइटिस, बुढ़ापा होने, ऑटोइम्यून समस्याओं, हृदय संबंधी, न्यूरोडीजेनेरेटिव, और कैंसर जैसी लंबी चलनेवाली और डीजेनेरेटिव बीमारियाँ हो सकती हैं। ऑक्सिडेटिव तनाव कई अन्य आधुनिक रोगों को जन्म देता है।
डॉ बाबू सुधाकर कहते हैं, ‘चूंकि हाइड्रोजन इनहेलेशन का शरीर पर समग्र ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने की क्षमता के साथ ही प्राथमिक प्रभाव पड़ता है, इसमें ऐप्लिकेशन की एक विस्तृत श्रृंखला है। कई बार मैंने पाया है कि जब हीलिंग प्रोटोकॉल का प्रभाव दिखाई देता है, तो लिस्ट ऑफ कंडिशन को देख कर लोगों को संदेह होने लगता है।उदझ़ (udazH) एक साधारण पोर्टेबल मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन उत्पन्न करने वाली मशीन है, जो शून्य एडिटिव्स के साथ 99.99 प्रतिशत शुद्धता और स्थिर हाइड्रोजन के बहिर्वाह को सुनिश्चित करता है। इस मशीन से पैदा होनेवाला H2 ह्यूमैन कंजम्पशन के लिए वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और कारगर साबित हुआ है। यह एक कॉस्ट इफेक्टिव और टिकाऊ प्रोडक्ट है, जिसे हैंडल करना बेहद आसान है। इसे इंटेलिजेंट और सरल निगरानी एवं रिमांडर डिस्प्ले सिस्टम के साथ लॉन्च किया गया है।’
उदझ़ (udazH) में निर्मित मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन को सांस के साथ अंदर लेने के बाद ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में कोशिकाएं सक्षम बनती हैं। इस सिस्टम की मदद से कोशिकाओं को एंटीऑक्सीडेंट शक्ति मिलती है, जिससे शरीर की क्षमता को बरकरार रखने में मदद होती है। हानिकारक फ्री रैडिकल्स को निष्क्रिय करने के साथ ही आंतरिक एंटीऑक्सीडेंट प्रणाली को बूस्ट करने के बाद होमोस्टैसिस का अहसास होता है। आपकी स्वास्थ्य जरूरतों और मकसद के आधार पर, इनहेलर के साथ एक घंटे की आसान प्रक्रिया करना आपके लिए फायदेमेंद सौदा है। आपके बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी यह इनहेलर एक अविश्वसनीय निवेश हो सकता है। H2 के जरिए नियमित रूप से सांस लेने पर परिवार के उम्रदराज सदस्यों की जहां स्वास्थ्य समस्याएं कम हो सकती हैं, तो वहीं उनकी उम्र बढ़ाने में भी सहायक है। दवा पर उनकी निर्भरता भी कम हो सकती है।
ऑपरेट करने के लिए केवल प्यूरीफाइड डिस्टिल्ड व डिआयोनाइज्ड पानी की आवश्यकता होती है। हाइड्रोजन की अधिक मात्रा की सूचना कभी नहीं दर्ज होती है। वास्तव में,हाइड्रोजन-संक्रमित पानी को एफडीए द्वारा आम तौर पर सुरक्षित (जीआरएएस) का दर्जा दिया गया है, जिसका अर्थ है कि इसे आम तौर पर मानव उपभोग के लिए सुरक्षित माना जाता है।